Vijay 69 movie review के बारे में बात करते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म की शुरुआत बहुत ही प्रेरणादायक होती है। Anupam Kher, जिन्होंने Vijay Mathews का किरदार निभाया है, इस भूमिका में पूरी तरह से समाहित नजर आते हैं। Vijay, जो 69 साल के हैं, एक triathlon में हिस्सा लेने का सपना देखते हैं और अपने जीवन का एक बड़ा मुकाम हासिल करना चाहते हैं, ताकि लोग उन्हें उनकी उपलब्धियों के लिए याद रखें। हालांकि, फिल्म की शुरुआत बहुत अच्छी होती है, लेकिन जैसे-जैसे यह आगे बढ़ती है, इसमें नाटक और melodrama की भरमार हो जाती है, जो अंततः कहानी की गहराई को कम कर देती है।
Vijay 69 Movie Review – Vijay की यात्रा और शुरुआती प्रेरणा
Vijay Mathews का यह सपना फिल्म की शुरुआत में बहुत आकर्षक और प्रेरणादायक लगता है। उनकी कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो अपने बुढ़ापे में भी जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्यों को पूरा करना चाहता है। यह विचार निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि “उम्र केवल एक संख्या है”, और यह दर्शकों को प्रेरित करता है। Anupam Kher के अभिनय की बात करें तो वह इस किरदार में बहुत ही सजीव नजर आते हैं, और उनकी ऊर्जा से पूरी फिल्म में एक ताजगी आती है।
यह कहानी उन लोगों के लिए है जो जीवन के किसी मोड़ पर महसूस करते हैं कि उम्र बढ़ने के कारण उनके सपने अब पूरी नहीं हो सकते। Vijay की यात्रा इस मायने में प्रेरणादायक है कि वह अपने सपने को पूरा करने के लिए एक triathlon जैसे कठिन खेल में भाग लेने का निर्णय लेते हैं।
कहानी में मजबूती की कमी
जहां Vijay 69 movie review में Vijay के दृढ़ संकल्प की सराहना की जानी चाहिए, वहीं फिल्म के अन्य हिस्से कमजोर हैं। Akshay Roy द्वारा निर्देशित फिल्म की कहानी शुरुआत में बहुत अच्छी लगती है, लेकिन जैसे-जैसे यह आगे बढ़ती है, इसमें जरा भी गहराई नहीं रहती। Vijay का triathlon में भाग लेना और अपने सपने को पूरा करने के लिए संघर्ष करना, ये सब फिल्म की कथानक में बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया है।
कहानी में जब यह तत्व melodrama से भरने लगते हैं, तो फिल्म की रफ्तार धीमी पड़ जाती है। Vijay की भावनात्मक स्थिति और उसके संघर्ष को सही ढंग से दर्शाने की बजाय, फिल्म उन पर जरूरत से ज्यादा फिल्मी घिसे-पिटे तरीके से आधारित हो जाती है।
Vijay और उनके दोस्त: Anupam Kher और Chunky Panday का अभिनय
फिल्म में Anupam Kher के अभिनय को तो सराहा ही गया है, लेकिन Chunky Panday के अभिनय में कुछ ऐसा खास नजर नहीं आता। उनका रोल भी कुछ हद तक ओवर-एक्सेजेरेटेड और अनावश्यक लगता है। Chunky का किरदार Vijay का Parsi दोस्त है, लेकिन वह अपने संवाद और बॉडी लैंग्वेज के जरिए अपने किरदार को कुछ ज्यादा ही विशिष्ट बनाने की कोशिश करते हैं, जो दर्शकों को थोड़ा अजीब लग सकता है।
इस फिल्म में एक और समस्या यह है कि Hindi cinema में अक्सर यह दिखाया जाता है कि अलग-अलग संस्कृतियों के पात्रों को कुछ विशिष्ट body language और dialect की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि Chunky Panday का किरदार कुछ ज्यादा ही exaggeration के साथ प्रस्तुत किया गया है।
Vijay 69 Movie Review – सीन और संवादों की ताकत
फिल्म की कुछ भावनात्मक सीन जैसे कि Vijay की finish line पर पहुंचने की कोशिश, उसकी थकावट और संघर्ष, इनसे थोड़ी उम्मीद थी कि दर्शक जुड़ पाएंगे। लेकिन फिल्म में यह सीन भी एक अजीब तरीके से पेश किए गए हैं, जिससे दर्शक इमोशनल रूप से जुड़ नहीं पाते। ऐसा लगता है जैसे यह सीन सिर्फ इसलिए डाले गए हैं ताकि फिल्म में जो मुख्य संदेश है, वह थोड़ी देर के लिए दिखाई दे सके।
अंत में, Vijay 69 movie review यह साबित करती है कि एक अच्छा संदेश और प्रेरणादायक किरदार होने के बावजूद, जब तक फिल्म का निर्देशन और कहानी सही दिशा में नहीं जाती, तब तक उसका असर नहीं हो पाता। Anupam Kher इस भूमिका में बहुत प्रभावशाली हैं, लेकिन पूरी फिल्म को उतना असरदार नहीं बना पाते। अगर फिल्म को कुछ और वास्तविक और सजीव तरीके से प्रस्तुत किया जाता, तो यह दर्शकों के दिलों में और गहरे असर छोड़ सकती थी।