I Want To Talk Movie Review: एक प्रेरक फिल्म है जिसमें Abhishek Bachchan ने Arjun Sen का किरदार निभाया है। इस फिल्म की कहानी एक आदमी के संघर्ष और उसकी जीवन यात्रा को दर्शाती है, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। निर्देशक Shoojit Sircar ने इस फिल्म के माध्यम से Abhishek Bachchan के अभिनय को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया है। इस फिल्म में human resilience और family bond को अच्छे से दिखाया गया है, लेकिन कुछ हिस्सों में यह थोड़ा धीमा पड़ जाता है।
कहानी का सारांश (Plot Summary)
I Want To Talk : Arjun Sen (Abhishek Bachchan) एक मार्केटिंग जादूगर हैं, जो अपनी बातों से लोगों को प्रभावित करने में माहिर हैं। अमेरिका में MBA करने के बाद, वह एक पिज्जा चेन के साथ काम करते हैं और उसे नंबर वन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। लेकिन उनकी जिंदगी में मुश्किलें तब शुरू होती हैं, जब उन्हें पता चलता है कि वह कैंसर से जूझ रहे हैं।
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अपनी बेटी Reya (Pearle Dey) से बेहद प्यार करने के बावजूद, Arjun उसे अपनी बीमारी के बारे में नहीं बताते। वह अस्पताल में भर्ती रहते हुए अपनी बेटी के लिए वीडियो संदेश रिकॉर्ड करते हैं। इस दौरान, Arjun को अपनी नौकरी और घर से भी हाथ धोना पड़ता है। लेकिन उनकी सकारात्मक सोच और जीने की चाह उन्हें बार-बार उठने की ताकत देती है।
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स्क्रिप्ट एनालिसिस: भावनात्मक लेकिन धीमी शुरुआत (Script Analysis)
Shoojit Sircar की इस फिल्म की स्क्रिप्ट एक असली कहानी पर आधारित है। Arjun Sen की संघर्षपूर्ण यात्रा को बड़े पर्दे पर दिखाना एक प्रेरणादायक अनुभव हो सकता था। लेकिन फिल्म की धीमी शुरुआत दर्शकों को बांध पाने में असफल रहती है।
पहले हाफ में, कहानी अधिकतर Arjun की बीमारी, उनकी मानसिक स्थिति, और उनकी बेटी से दूरी पर केंद्रित है। उनकी जिंदगी के छोटे-छोटे लम्हों को दिखाने के बावजूद, भावनात्मक कनेक्शन बनाने में फिल्म कुछ हद तक विफल रहती है।
दूसरे हाफ में फिल्म की पकड़ मजबूत होती है। यहां Arjun की बेटी Reya के साथ उनके रिश्ते को गहराई से दिखाया गया है। Arjun का एक मैराथन में भाग लेना उनकी सकारात्मक सोच और जिजीविषा को दर्शाता है। यह सीन दर्शकों के दिल को छू जाता है।
अभिनय: Abhishek Bachchan की दमदार प्रस्तुति (Star Performance)
I Want To Talk में Abhishek Bachchan ने Arjun Sen के किरदार को बखूबी निभाया है। उनकी परफॉर्मेंस हर दृश्य में वास्तविकता का अहसास कराती है। खासकर उनके और उनकी बेटी के बीच के दृश्यों में उनकी भावनाएं बखूबी झलकती हैं।
Reya के बचपन का किरदार निभाने वाली Pearle Dey अपने मासूम अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लेती हैं। वहीं, Ahilya Bamroo, जो बड़ी Reya का किरदार निभाती हैं, अपने परिपक्व प्रदर्शन से कहानी को मजबूती देती हैं।
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फिल्म के अन्य कलाकारों में Kristin Goddard और Jayant Kripalani ने भी अपनी भूमिकाओं को शानदार तरीके से निभाया है। हालांकि Johny Lever जैसे प्रतिभाशाली अभिनेता का सही इस्तेमाल नहीं किया गया, जो एक कमजोर पहलू है।
निर्देशन और संगीत (Direction and Music)
Shoojit Sircar, जो Piku और Vicky Donor जैसी यादगार फिल्में बना चुके हैं, इस बार एक असली कहानी को लेकर आए हैं। हालांकि उनकी निर्देशन शैली यहां कुछ धीमी और बिखरी हुई नजर आती है।
फिल्म में दो गाने हैं, जो कहानी में ज्यादा योगदान नहीं देते। बैकग्राउंड स्कोर सूक्ष्म और प्रभावी है, जो कहानी के मूड के साथ मेल खाता है। लेकिन Shoojit की पिछली फिल्मों की तरह संगीत दर्शकों के मन में गूंजता नहीं है।
प्रेरणा और सीख
यह फिल्म हमें सिखाती है कि जिंदगी में कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं, इच्छाशक्ति और सकारात्मक सोच से हर समस्या का सामना किया जा सकता है। Arjun Sen की जिजीविषा और Reya के साथ उनका रिश्ता दर्शकों को प्रेरित करता है।
फिल्म यह भी बताती है कि जीवन के छोटे-छोटे पलों की अहमियत को समझना चाहिए। चाहे हालात कितने भी खराब क्यों न हों, हार मानने के बजाय आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए।
I Want To Talk Movie Review क्या यह फिल्म देखनी चाहिए?
अगर आपको भावनात्मक और प्रेरणादायक कहानियां पसंद हैं, तो यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए। हालांकि इसकी धीमी गति और कुछ कमजोर पहलू आपको थोड़ा निराश कर सकते हैं। फिर भी, Abhishek Bachchan का शानदार अभिनय और फिल्म का संदेश इसे देखने लायक बनाते हैं।
संघर्ष और उम्मीद की कहानी (Final Thoughts)
I Want To Talk movie review दर्शाती है कि जिंदगी में कोई भी मुश्किल अजेय नहीं है। Arjun Sen की कहानी और Abhishek Bachchan का अभिनय इस फिल्म को यादगार बनाते हैं। हालांकि बेहतर निर्देशन और तेज गति इसे और खास बना सकती थी।