Azad Movie Review: Azad एक दिलचस्प और रोमांचक फिल्म है, जो 1920 के समय में सेट की गई है। यह कहानी एक युवक, एक शाही घोड़े और बदले की भावनाओं से भरे सफर पर आधारित है। फिल्म की शुरुआत Govind (Aman Devgan) से होती है, जो मध्य प्रांत के भुसर गांव में अपने पिता Braj (Sandeep Shikhar), बहन Dani (Ziya Amin), और नानी Nani (Natasha Rastogi) के साथ रहता है।
Braj गांव के मुखिया Rai Bahadur (Piyush Mishra) के अस्तबल में काम करता है। Rai Bahadur के दो बच्चे हैं, Tej Bahadur (Mohit Malik) और Janaki (Rasha Thadani), जहां Tej Bahadur एक दुष्ट युवक है और Janaki एक संवेदनशील लड़की है।
A Tale of Love
एक दिन, Govind गलती से Rai Bahadur के घोड़े पर सवार हो जाता है, जबकि Janaki शाही अस्तबल में घुड़सवारी कर रही होती है। Govind को इस गलती के लिए कड़ी सजा मिलती है और उसे कोड़े मारे जाते हैं। Govind को यह गलतफहमी हो जाती है कि Janaki ने उसकी शिकायत की है, और इससे उनके बीच नफरत की दीवार बन जाती है। एक दिन, Govind रंगों के पर्व Holi के दौरान Janaki के चेहरे पर रंग डालता है, जो पूरे गांव में चर्चा का विषय बन जाता है।
यह महसूस करते हुए कि Rai Bahadur और Tej Bahadur उसे मार सकते हैं, Govind भागकर जंगलों में चला जाता है। वहीं जंगलों में Govind की मुलाकात एक शानदार और शाही घोड़े से होती है, जिसका नाम Azad है। Azad Vikram Singh (Ajay Devgn) का घोड़ा है, जो एक खतरनाक डाकू है। जल्द ही, Govind को यह पता चलता है कि Vikram Singh की सेना ने उसे पकड़ लिया है, यह सोचकर कि वह एक जासूस है।
हालांकि, जब उन्हें यह पता चलता है कि Govind निर्दोष है, तो वे उसे छोड़ देते हैं। Vikram Singh को Govind से लगाव हो जाता है और वह उसे अपनी डाकू सेना में शामिल कर लेता है। हालांकि, Azad को Govind से कोई खास लगाव नहीं होता है।
फिल्म में एक और दिलचस्प मोड़ आता है जब Vikram Singh की पूर्व साथी Keser (Diana Penty) अब Tej Bahadur की पत्नी बन चुकी है, और वह दोनों मिलकर Vikram Singh को खत्म करने की योजना बनाते हैं। इस संघर्ष में Govind के लिए कई मोर्चे खुलते हैं, और फिल्म का रोमांचक अंत दर्शकों को बांधे रखता है।
Azad Movie Story Review
Ritesh Shah, Suresh Nair, और Abhishek Kapoor की कहानी में एक बेहतरीन सामूहिक मनोरंजन की सारी खूबियाँ हैं। Ritesh Shah और Suresh Nair की पटकथा (जिनमें Chandan Arora का अतिरिक्त योगदान है) में कुछ दिलचस्प और यादगार क्षण हैं, लेकिन फिल्म में कई जगह और बेहतर गहराई हो सकती थी। Ritesh Shah के संवाद (और Chandan Arora के अतिरिक्त संवाद) शानदार हैं और फिल्म में प्रमुख भावनाओं को अच्छी तरह से व्यक्त करते हैं।
Abhishek Kapoor का निर्देशन ठीक-ठाक है। सकारात्मक पहलू यह है कि उन्होंने कहानी को सरल और आसानी से समझने योग्य रखा है। घोड़ा और डाकू का जो तत्व है, वह 70 और 80 के दशक की फिल्मों की याद दिलाता है। फिल्म में खलनायकों को अत्यधिक बुरा दिखाया गया है, जिससे नायक के लिए एक मजबूत जड़ बनती है।
कुछ यादगार दृश्य हैं जैसे Govind का पहली बार Vikram Singh से मिलना, Azad का शराब पीना, और Govind का Janaki के कमरे में घुसना। फिल्म का समापन दर्शकों को प्रभावित करता है।
हालांकि, फिल्म का पहला भाग थोड़ी सी धीमी गति से चलता है। दूसरे भाग में क्लाइमेक्स के दौरान फिल्म बेहतर होती है। Janaki और Keser के किरदारों को कम महत्व दिया गया है, जो फिल्म का नकारात्मक पक्ष है। इसके अलावा, फिल्म में प्रेम कहानी का सही तरीके से निर्माण नहीं हुआ, जो फिल्म की एक कमजोरी है।
Performances and Music
Aman Devgan ने आत्मविश्वास से भरपूर शुरुआत की है और यह स्पष्ट है कि उन्होंने कड़ी मेहनत की है। घोड़े पर सवार होकर उनका प्रदर्शन आकर्षक था, और Holi गीत में उनका डांस दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। Rasha Thadani अपनी आकर्षक स्क्रीन उपस्थिति से दर्शकों का ध्यान आकर्षित करती हैं, लेकिन उनका स्क्रीन टाइम पहले भाग में कम है। Ajay Devgan ने सहायक भूमिका निभाई है और हमेशा की तरह, वह प्रभावी हैं।
Diana Penty ने ईमानदारी से अपना अभिनय किया, लेकिन उनके किरदार में ज्यादा गहराई नहीं थी। Mohit Malik ने अपनी पहली भूमिका में अच्छा प्रदर्शन किया। Piyush Mishra, Sandeep Shikhar, Ziya Amin, और अन्य सहायक कास्ट ने ठीक-ठाक अभिनय किया।
Music and Technical Aspects
Amit Trivedi का संगीत फिल्म में उतना प्रभावी नहीं है। “Lekin Karo” एकमात्र गाना है जो दर्शकों के दिलों में बैठ जाता है। “Birange” की कोरियोग्राफी अच्छी है, लेकिन “Azaad Hai Tu” और “Azaad Hai Tu (Aashcharya)” काफी सामान्य हैं। “Ajeeb-O-Gareeb” में विंटेज अनुभव है, जो फिल्म के थीम के अनुरूप है।
Hitesh Sonik के बैकग्राउंड स्कोर में सिनेमाई प्रभाव है, और Setu की सिनेमैटोग्राफी संतोषजनक है, खासकर क्लाइमेक्स में रेस सीक्वेंस के दौरान। Akshay Tyagi और Zed by Monica and Karishma की वेशभूषा फिल्म के युग के अनुरूप है और स्टाइलिश भी है। Saini S Johar का प्रोडक्शन डिज़ाइन प्रामाणिक है। Ian Van Temporly और Ejaz Gulab का एक्शन थोड़ा कम खूनी है, लेकिन NY VFXwala का वीएफएक्स प्रभावशाली है, हालांकि लकड़बग्घे के दृश्य में थोड़ी कमी आती है।
Azad Movie Review
कुल मिलाकर, Azad को एक कमजोर पहले भाग, कमजोर स्क्रिप्ट और रोमांटिक एंगल की अनुपस्थिति के कारण दर्शकों को बांधे रखने में मुश्किल होती है। फिल्म की सीमित चर्चा बॉक्स ऑफिस पर चुनौतियाँ पैदा कर सकती है, लेकिन सिनेमा प्रेमियों के लिए यह एक सीमित अनुभव हो सकता है।